Sunday, December 22, 2019

સપનાંઓ

સપનાંઓ એટલે રાતે સુઈ ને સવારે ઊઠવાની તાકાત
સપનાઓ એટલે નીચે પડી ને ફરી ઊઠી જવાની તાકાત

સપનાઓ એટલે પરમાત્મા એ આપેલી ઉમ્મીદ
સપનાઓ એટલે રણ માં ઉગેલું પાંદડું
સપનાઓ એટલે આંખ ના ખૂણે થી નીકળતી ભીનાશ
સપનાઓ એટલે આત્મા નો આપેલો આત્મવીશ્વાસ

સપનાઓ એટલે બાળપણ માં જુવાની ની આસ
સપનાઓ એટલે જુવાની માં પણ બાળપણ ની પ્યાસ
સપનાઓ એટલે જીવન માં પામવાની ની આગ
સપનાઓ એટલે બદ્ધુ જ પામેલા ને છૂટવાની આકાંશા

સપનાઓ એટલે હાથ માં થી સરકતી રેતી
સપનાઓ એટલે કવિ થી અડધી લખેલી પંકતિ
સપનાઓ એટલે પોતાની આશાઓ ની અભિવ્યતિ
સપનાઓ એટલે કઈ ના હોય તો એ બધું જ પામવાની અનુભૂતિ  .......







Sunday, December 16, 2018

Piche ki khidaki....

ab bhi piche mud kar dekha maine....
Kuch apano ko to kuch begano ko khada paya...
Apane ko mayus to begano ko muskurata paya ..

Ye yadain bhi ajeeb ittafaq se hoti hain...
Apano se jyada parayo ko khush paati hai....
Apane to yadon me kahin kho jaate hain....
Anjano ko hi yadon ka hissa paya hai....

Ashruprit nayano se....

Ashrupurit nayano se main....
Apana bhavishya dekhta hoon....

Milne wali khushushiyo per main...
Aaj k din kyon rota hoon....
Kal kya hoga ye to janta nahi...
Phir bhi adhed se khayal main bunta hoon...

Ashrupurit nayano se main...
Apana bhavishya dekhta hoon.....

Priyatama ka haath pakad kar...
Jeevan jeena cahta hoo ....
Jeete jeete har pal me main...
Naye se khawabo ko bunta hoon....

Ashrupurit nayano se....

Jo hasa mere saath...
Jo roya mere liye....
Os pranpriya ko main...
Shabdo main hi tolta hoo ....

Nanhe haatho ne jaise thama tha mujhe...
Os pal ko qaid karta hoon ..
Bachpan ki in yaadon ko main...
Bhavi chashme se dekhta hoon ..

Ashrupurit nayano se...

Tutlati se bhasha ko main...
Antarman me sanjhota hoon ..
Chutpan ke is chalcitra ko main...
Hriday par ankit karta hoon....

Ashruprit nayano se main....

Saturday, February 24, 2018

ख़ुशी के आंसू

जब जब आप सफल होते हाँ तो न जाने कितने लोग आपकी सफलता की बातें करते हैं.. न जाने कितने लोग आपकी सफलता की मिसालें देते हैं.. पर ऐसे भी कुछ लोग होते हैं जो आपकी सफलता से जलते हैं..

यदि हम इन लोगों को भूल जाये क्योंकि ये वे लोग हैं जिन्हे हम नहीं जानते, और ये सभी एक भीड़ का रूप होते हैं..

लेकिन कुछ ऐसे चुनिंदा लोग होते हैं जो हमारी सफलता पैर आंसू बहाते हैं..

जी हाँ हमारी कामयाबी पर रोतें हैं. या नाचते हैं या इतने खुश होते हैं की अपनी ख़ुशी बयां ही नहीं कर पाते।। ये वे लोग है जिनके कारन हम सफल हुए.. हमारी सफलता में इनका कोई न कोई योगं जरूर है..

मुझे आज भी वह क्षण याद है जान मेरे पास भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी का ऑफर आया था.. तब मेरी माँ और पिताजी की आँखे बोल रही थी..

आज भी मेरी पत्नी कभी कभी कहती है तुम यह नौकरी नहीं छोड़ोगे और मैं मन ही मन कहता हूँ की शायद हाँ क्योंकि इस कंपनी के साथ मेरे काम की शुरुवात मेरे माँ और पिताजी की ख़ुशी से हुई थी...

आप यदि इस भावना को देखना चाहते हैं तो M.S धोनी पैर बानी फिल्म देखिये..

जब जब धोनी अच्छा खेला तो फिल्म कईो क आंसू और ख़ुशी को अच्छे  से दर्शाया गया है|

मैं तो  चाहता हूँ को इन लोगों को ज़्यादा से ज्यादा रुलाया जाय... क्योंकी जब कब ये लोग ख़ुशी से रोते हैं तब तब मैं सफल होता हूँ..

आज यही था आज का विचार...  

Thursday, November 9, 2017

Ajeeb si Khamoshi

एक अजीब सी ख़ामोशी है.. 
तेरे और मेरे दरम्यान.. 
कुछ तेरी और से है तो 
कुछ मेरी और से... 

एक अलग सी तन्हाई है 
तेरे और मेरे दरम्यान
कुछ तेरी आँखों में है
 कुछ मेरी आँखों में है..

कहते हैं प्यार में तन्हाईया भी नसीब होती है... 
कुछ तुजे हुई कुछ मेरे नसीब में है... 

कहतें हैं प्यार में संगीत भी होता है... 
तेरा संगीत मैं और मेरी मौसिकी तुजमे है.. 

यु तो शबनम की बूंदों सा प्यार है तेरा मेरा... 
तू समंदर है तो प्यार का सैलाब मुजमे है.. 

Thursday, August 17, 2017

કેટલું મુશ્કિલ છે તારા થી દૂર થવું...

કેટલું મુશ્કિલ છે તારા થી દૂર થવું
એ મને આજ સમઝાય છે..
તારા ખિખિયાટા ના ભંકરાઓ
મને આજે સંભળાય છે..

તારી આંખો નું ભોલુપન
મને આજ દેખાય છે
તારા અવનવા અવાજો મને
આજ સંભળાય છે..

લોકો કહે દીકરી એ તો લક્ષ્મી નો અવતાર
પણ મને તો એ લક્ષ્મી ની તાળીયો થી જ છે પ્યાર
એ હંસે તો જેમ કે પડે સવાર
તે રડે તો જાણે પક્ષિયો નો અવાજ

તારું રીખવાનું જાણે જગ આખું ચાલે
તારું પડવાનું જાણે જગ મારુ થમે
તું તો મારા જગત  નું એક માત્ર કેન્દ્ર છે
તારું હસવાનું જાણે જગત નો પરિવેશ છે

હું અગર કહું કે તું જ મારુ જગત છે
અને હું તો તારો ભગત છુ

------ડેડીકેટેડ TO મેરી બેટી------





Thursday, December 1, 2016

मेरा देश बदल रहा है...

मेरा देश बदल रहा है।

विमुद्रीकरम यानि Demonitization आज कल चर्चा में है..

शायद मेरी यह पोस्ट पढ़ कर कुछ बुद्धिमान नागरिक कहेंगे की मैं मोदी भक्त हूँ। कुछ हद तक सही भी है। मुझे भारत सरकार के इस कदम से अच्छा लगा अब आप इसे मोदी भक्ति कहे तो ये ही सही.

चलिए मेरे नज़रिये से देखते हैं इस पूरी घटना को। बात करते हैं कुछ फायदों की कुछ नुकसानों की

नोट : मैं कोई अर्थशाष्त्री नहीं हूँ । यह राय सिर्फ एक आम आदमी की सोच दिखती है।

मैं विमुद्रीकरण को अब नोटबंदी कहूंगा क्योंकि कहीं न कहीं हमारे देश में हिंदी की दशा आम जनता की दशा से अधिक ख़राब है. शायद मेरी यह पोस्ट आज कल के नौजवान पढ़ भी नहीं पाएंगे क्यों की इसे कूल भाषा में नहीं लिखा गया..

मुद्दे को आगे बढ़ता हूँ. नोटबंदी से कुछ ऐसे फायदे जो एक अर्थशाष्त्री नहीं देख सकता :-

१. भारत की जनता में ८ नवम्बर से कोई हिन्दू या मुसलमान नहीं है। सब पैसो के लिए लाइन में लगने वाले आम आदमी हैं. कोई दलित नहीं कोई आरक्षित नहीं। सब महज़ आम आदमी माना मोदी साहब हिंदुत्व को ही आगे बढ़ाते हैं और इस बाद भी उन्होंने भारत में छुपे हिंदुत्व को  निकाला। जाना सब धर्म सामान है और सब बस इंसान हैं। कहते हैं हिंदुत्व कोई धर्म नहीं जीवन जीने का तरीका है तो शांति से लाइन में खड़े होकर सरकार को या बैंक को एक स्वर में गालिया देना भाई चारे को ही तो बढ़ा रहा है. वो कहते हैं न यदि आप किसी के लिए अच्छे न बन सके तो क्या हूआ बुरे बन कर सामने वालों को दोस्त बना दिया.

२. लोग मितव्ययी ही गए. मेरा मतलब है कम पैसे खर्च कर गुज़ारा करने वाले। पर मोदी जी ये बात तो महात्मा गाँधी ने कही थी की फ़िज़ूल खर्च बंद करो और आपने उनकी बात मान ली. उनपर तो आपके विरोधियों का अधिकार है। आप उनकी बात मान सकते हैं क्यों आप दोनों ही देश का भला चाहते हैं । पर आपने तो आम आदमी को १९४७ में पंहुचा दिया। बहुत खूब...

३. भाई भाई को तकरार और बूढ़े माँ बाप को वृद्धाश्रम भेजने के प्रोग्राम को ख़तम कर दिया । हिंदुत्व का एक और पैमाना जिस पर आपने लोगों को जीने पर विवश कर दिया. भाई भाई का झगड़ा ख़तम. माँ बाप का अकेला पैन ख़तम. कम से कम ढाई लाख के लिए तो बच्चो ने माँ बाप से अच्छे से बात की। पर हमारे विरोधी मित्रो को तो सिर्फ लाइन खड़ा वह व्यक्ति दिख रहा है जिस पर यमराज बैठे ही है और वह पैसा निकलने एटीएम जा पंहुचा. चलो ये भी अच्छा ही हूआ कम से कम उस मरने वाले गरीब को थोड़ी पब्लिसिटी तो मिली.

४ सेहत सुधरेगी लोगों को जब थोड़ी देर खड़े रहेंगे तो कसरत होगी तो दवाइयों का खर्च बचेगा.

हाँ इस बात से थोड़ा नुक्सान भी हूआ है। जैसे  की

१. कुछ आराम पसंद लोगो को थोड़ी तकलीफ उठानी पद गयी। जो लोग गरीबो को दबाते थे आज उनके साथ लाइन में खड़े रहने को मजबूर हैं।

२. वो कहते हैं न की जब दिवार में कील ठोकनी हो तो हथौड़ी के प्रहार से आस पास को मिटटी तो तकलीफ होती है । उसी तरह बड़ी मछली को जाल में फ़साने के लिए छोटी मछली को जान की बाज़ी लगनी पड़ती है ।

३. सबसे बड़ा नुकसान तो कुछ अराजक लोगों का हूआ है मीडिया उन्हें कवर ही नहीं कर प् रही है । कई दिनों से मैं भाई कन्हिया कुमार की गरीबी (बड़ी गाड़ी वाली)  को मिस कर रहा हूँ। कई दिनों से आरक्षण के प्यासे हार्दिक पटेल को मिस कर रहा हूँ । गुर्जरो का ट्रैन रोकना मिस कर रहा हूँ।

और एक चेनल से यह पता चला की यह लोग जो आराक्षण की राह में बैठे हैं उनसे आछे तो हमारे आदिवासी भाई बंधू हैं जिन्होंने बस्तु विनिमय प्रणाली को अपना कर एक उदहारण प्रतुत किया है। कुछ पाठक जो वास्तु विनिमय नहीं समझते उनके लिए एक उदहारण देना चाहता हूँ को यदि मेरे पास गेहू अधिक है जिसकी कीमत २० रुपये प्रति किलो है और मुझे चावल चहिये जो ४० रुपये प्रति किलो हैं। तो मैं १ किलो चावल २ किलो गेहू से खरीद सकता हूँ.। जो हम बचपन में करते थे। मुझे तेरी कलम पसंद है तू मेरा कंपास रख ले मैं तेरी कलम रख लेता हूँ.

तो मेरा मेरे प्यारे देशभक्तो से निवेदन है की व्यवस्था का हिस्सा बने उसे तोड़े नहीं । अन्यथा जिन बुद्धिजीवियों ने अवार्ड लौटाए थे उनसे कहीं ज्यादा पढ़े लिखे लोग हैं जिन्हें समझ में आरहा है की जो हो रहा है ठीक हो रहा है वे लोग आपको वापिस भेज देंगे।

मेरे प्यारे मित्रो से अनुरोध है की आक्रोश दिखाना है तो वानखेड़े की लाइन में १००० रुपये देने के बाद भी घंटो लाइन में खड़े रहते हो वहां दिखाओ. मंदिरो में मस्जिदों में गुरुद्वारों में घंटो हाथ में हार फूल लोबान लिए खड़े रहते हो वहां दिखाओ। क्यों ये सब आपसे पैसा लेकर भी तकलीफ दे रहे हैं। हमसे कम यहाँ आपसे कोई कुछ ले तो नहीं रहा। .

मेरा देश बदल रहा है बदलाव का हिस्सा बने व्यवधान न बने। बदलाव से थोड़े समाज तकलीफ रहती है पर हमेशा को शांति हो जाती  है ।

जय हिन्द जय भारत. 



સપનાંઓ